भारत( BHARAT) के डोकलाम(Doklam)में हुए आपसी मतभेद के बाद भारत ने चीन के Tibetan area(तिब्बती क्षेत्र) की सीमाओं पर अरूणाचल सेक्टर के दाऊ देलाई, दिबांग और लोहित घाटियों में गश्त बढ़ा दी है और सैनिकों को अधिक संख्या मे तैनात किया है और वहां के पर्वतीय क्षेत्रों में सैनिकों और आधुनिक सामान को तैनात किया है । सैन्य अधिकारियों ने कहा है कि भारत मुख्य रूप से संवेदनशील तिब्बती क्षेत्र की सीमाओं पर चीन की विभिन्न गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए अपने निगरानी तंत्र को भी विभिन्न रूप से मजबूत कर रहा है और जानकारी लेने के लिए नियमित रूप से हेलीकॉप्टर को भी तैनात करता रहा है और करता रहेगा। उन्होंने यह कहा कि भारत तीनों घाटियों में सीमा पर चीन की बढ़ती हुई आक्रामकता से निपटने के लिए अपनी मजबूत रणनीति के तहत कठिन से कठिन पर्वतीय क्षेत्रों पर भी अपनी पकड़ को मजबूत करने पर ध्यान दे रहा है, जिनमें 17,000 फुट (4857.14 मीटर लगभग )से ज्यादा ऊंचे और बर्फ से ढंके पर्वत भी सम्मिलित हैं।
चीन के Tibetan area( तिब्बती क्षेत्र) से लगी भारत की सीमा पर दूर पूर्व में बसे गांव किबिथू में तैनात सेना के एक अधिकारी ने बताया कि, ‘डोकलाम के बाद हमने अपनी गतिविधियों में कई गुना ग्रोथ( वृद्धि) की है। हम किसी भी बड़ी से बड़ी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’ अधिकारी ने यह भी कहा कि सेना अपनी लॉन्ग डिस्टेंस( लम्बी दूरी) की गश्त में ग्रोथ( वृद्धि) करती रही है और करती रहेगी जहां सैनिको को छोटे छोटे ग्रुपो में 15-30 दिनों के लिए गश्त (LRP)के लिए निकलते हैं जो वास्तविक नियंत्रण रेखा की शुचिता बनाए रखने की कोशिश का एक मह्त्वपूर्ण हिस्सा है। वास्तविक नियंत्रण रेखा इंडिया और चाइना के बीच की रियल (असली) सीमा है। इंडिया और चाइना के सैनिकों के बीच पिछले साल 16 जून के बाद से ही डोकलाम क्षेत्र में 73 दिनों तक गतिरोध रहा था। गतिरोध भारतीय सेना द्वारा चीनी सेना के Disputed area( विवादित क्षेत्र) में सड़क का निर्माण रोकने के बाद शुरू हुआ था।
मीडिया से रूबरू के लिए अधिकृत ना होने के कारण अधिकारी ने नाम उजागर ना करने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘हमनेIndia, China and Myanmar(भारत, चीन एवं म्यांमार )की सीमाओं के एक मिलन बिंदु Tri junction (ट्राइ-जंक्शन) सहित सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सभी इलाकों पर ध्यान देते हुए अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। वहीं सीमा सड़क संगठन(border roads organisation) (BRO) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिबांग घाटी को लोहित घाटी से जोड़ने वाली सड़क सहित और अन्य कई सड़कों को अंतिम रूप दे दिया गया है जिनसे अरूणाचल प्रदेश में एक घाटी से अन्य घाटियों के बीच कांटेक्ट (संपर्क) बेहतर होगा।
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